NIT रायपुर में पर्यावरण जागरूकता पर निकाली गई रैली, विद्यार्थियों ने किया सिपेट का भ्रमण

रायपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए मिशन लाइफ़ और इंस्टिट्यूट ऑफ़ एनवायरनमेंट कंज़र्वेशन एडवोकेसी (आईईसीए) के अनुसार एक रैली निकाली। विश्व पर्यावरण दिवस की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जागरूकता रैली का आयोजन किया गया था जिसका उद्देश्य संस्थान को प्लास्टिक मुक्त बनाना और संस्थान परिसर में कम्पोस्ट पिट का निर्माण करना था।
इस कार्यक्रम का संचालन अप्लाइड जियोलॉजी विभाग के असिस्टैंट प्रोफेसर डॉ. डी. सी. झारिया एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की असिस्टैंट प्रोफेसर डॉ. मृदु साहू के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन गणित विभाग के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर एस एन राव, गणित विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एल भास्कर तथा गणित विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नीरज मन्हास द्वारा किया गया। करियर डेवलपमेंट सेंटर के प्रमुख डॉ. समीर बाजपाई ने अपने हाथों में झंडा लहरा कर इस जागरूकता रैली की शुरुआत की । इस रैली में संकाय सदस्यों और उनके परिवारों,छात्रों,स्वच्छता कार्यकर्ताओं,सुरक्षा गार्डों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। रैली में सभी ने “वृक्ष पानी और शुद्ध हवा जीवन जीने की अनमोल दवा, इस धरती की यही पुकार हरा भरा हो ये संसार” जैसे नारे लगा कर पर्यावरण जागरूकता का संदेश जन- जन तक पहुंचाया।

कार्यक्रम की दूसरी कड़ी में सभी उपस्थित विद्यार्थियों को सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, (सिपेट), रायपुर की यात्रा कराई गई। इस यात्रा को संस्थान की निदेशक(प्रभारी) डॉ. ए बी सोनी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस दौरान डीन (छात्र एवं कल्याण) डॉ. नितिन जैन, संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। सिपेट के निदेशक डॉ. आलोक साहू ने एनआईटी तथा टीम का आत्मीय स्वागत किया। डॉ. आलोक साहू ने उपस्थित छात्रों को विविध लक्ष्य बनाने के लिए कहा, तथा सिपेट में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बात की तथा सभी को यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। इसके बाद एनआईटी रायपुर के संकाय सदस्यों ने प्लास्टिक की खपत पर अपने विचार साझा किए। सिपेट के संकाय सदस्यों ने वहां उपस्थित लोगों से प्लास्टिक और पॉलिमर के बारे में अपनी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की साथ ही साथ सिपेट और उनकी संपूर्ण कार्य प्रणाली,उनकी शैक्षणिक प्रणाली के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। इसके बाद टीम सभी प्रयोगशालाओं में भी गई और अनुभवी संकाय सदस्यों के साथ मशीन के काम को भी जाना। यह यात्रा सभी छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ।
एन आई टी रायपुर में संस्थान में एक अन्य कार्यक्रम का आयोजन भी आज किया गया जिस दौरान संस्थान में कम्पोस्ट पिट का उद्घाटन किया गया । इस कार्यक्रम का संचालन सूचना प्रौद्यौगिकी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मृदु साहू के मार्गदर्शन में किया गया। कम्पोस्ट पिट का उद्घाटन संस्थान की निदेशक(प्रभारी) डॉ. ए बी सोनी ने किया। इस दौरान डीन (छात्र एवं कल्याण) डॉ. नितिन जैन, संकाय सदस्य, छात्र, बागवानी श्रमिक उपस्थित रहे। एनआईटी रायपुर के सुरेंद्र जी ने कम्पोस्ट पिट के बारे में विस्तार से जानकारी दी । इस कार्यक्रम के तहत परिसर में कुल 4 कम्पोस्ट पिट का उद्घाटन किया गया।
विश्व पर्यावरण दिवस की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 1 जून 2023 को एक ई-पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया था जिसका विषय “क्रिएटिंग डिजिटल कैंपस – ए पेपर फ्री एनवायरनमेंट” था, जिसके तहत पेपर के इस्तेमाल को कम करना और एक डिजिटल कैंपस बनाने पर अपने विचार प्रस्तुत किये गए । इस कार्यक्रम का समन्वयन सहायक प्रोफेसर, सिविल इंजीनियरिंग डॉ. चंदन के. सिंह, सहायक प्रोफेसर, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग,डॉ. एम. मारीश्वरन, और सहायक प्रोफेसर, मेटलर्जी, डॉ. मुकेश आर. कुमार, द्वारा किया गया था। कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में सहायक प्रोफेसर, मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग, डॉ. चेतना एस. राजपूत, , सहायक प्रोफेसर, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, डॉ. दीपक सिंह, सहायक प्रोफेसर, सिविल इंजीनियरिंग डॉ. विकास के. विद्यार्थी, और सहायक प्रोफेसर, गणित विभाग,डॉ. नीरज मन्हास शामिल रहे ।शुरुआत में डॉ. चंदन सिंह ने उपस्थित लोगों को कार्यक्रम से परिचित कराया और सभी को प्रतियोगिता के नियमों की जानकारी दी। कार्यक्रम में सान्वी सामंथा ने कागज के महत्व के बारे में बताया वहीँ नवनीता ने एक श्लोक के साथ ‘कर्म’ के महत्व को प्रभावी ढंग से समझाया। उन्होंने आगे ई-लर्निंग के फायदों पर चर्चा की और बताया कि कैसे पेड़ों को बचाने से लोगों की जान बचाई जा सकती है। स्वरा तिवारी ने कागज के बजाय पुन: प्रयोग में ला सकने वाले कपड़ों के उपयोग और ई-कार्ड के उपयोग सहित अमूल्य सुझाव दिए। अंत में डॉ. एम. मारीश्वरन ने धन्यवाद प्रस्ताव देकर कार्यक्रम का समापन किया।