छत्तीसगढ़

राज्य सरकार के स्थानीय चुनाव में आरक्षण पर डाकबंगला वार्ड पार्षद ने उठाए सवाल



पिछडो के कंधों पर बंदूक रखकर , संविधान को दरकिनार कर अनुसूचित जाति जनजाति के हितों की चढ़ाई जा रही है बलि – सोमेश मेश्राम

दलित, शोषित ,पीड़ित , वंचितों की भावनाओं से सरकार कर रही है खिलवाड़- सोमेश मेश्राम

धमतरी(प्रखर) राज्य शासन द्वारा सत्ता में आते ही पूरे प्रदेश में तोड़फोड़ की राजनीति अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए प्रारंभ कर दिए जिसके तहत पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को ढाल बनाते हुए अनुसूचित जाति जनजाति के आरक्षण प्रतिशत को पिछले दरवाजे से काम करने की साजिश की जा रही है जो उनके हितों के साथ कोठार अघात है उक्त बातें नगर निगम के कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता सोमेश मेश्राम द्वारा कही गई है उन्होंने आगे बताया कि आगामी नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनावो में पिछड़ा वर्ग की जनगणना का 2024 को आधार बनाकर लिया जा रहा है जबकि अनुसूचित जाति , जनजाति जनगणना 2011 के आधार पर आरक्षण किया जा रहा है जो नितांत अनुचित तथा विधिसम्मत नहीं है क्योंकि कोविद-19 के चलते महामारी अधिनियम लागू कर संविधान में दिए गए प्रत्येक 10 वर्ष में किए जाने वाले जनगणना को आगे बढ़ाया गया है तथा 2025 में नए सिरे से जनगणना किया जाना संभावित है, इसलिए आरक्षण जनसंख्या के आधार पर तय करने को 26 जनवरी 1950 को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा लागू किए गए संविधान के अनुसार नहीं माना जा सकता ,और यह  वर्तमान में अपनाया जाने वाला देश के संविधान के अनुसार न होने से पुरी प्रक्रिया ही दूषित है जो की छग स्थानीय मूल निवासियों की भावनाओं एवं उनकी अस्मीयता से खिलावड़ किया जाना प्रतीत हो रहा है, जिससेआदिवासी, अनुसूचित जाति वर्ग होंगे आंदोलित , भारतीय संविधान निर्माता डाक्टर भीम राव अंबेडकर जी ने जिस संविधान की रचना कि है उसी समाज के लोग आगामी त्रिस्तरीय पंचयांत नगरीय निकाय चुनाव  में हो जाएंगे वंचित ,जो भेदभाव पूर्वक राज्य सरकार चुनाव कराने की तैयारी मे है इसका पुरजोर विरोध किया जायगा।

Author Desk

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