छत्तीसगढ़

स्टेट जीएसटी ने टैक्स चोरी करने वाले व्यवसायियों पर की बड़ी कार्रवाई

स्टेट जीएसटी ने टैक्स चोरी करने वाले व्यवसायियों पर की बड़ी कार्रवाई

रायपुर। स्टेट जीएसटी विभाग ने कर चोरी करने वाले व्यवसायियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। स्टेट जीएसटी अंबिकापुर द्वारा मेसर्स बंसल ट्रेडिंग कार्पोरेशन अंबिकापुर के व्यवसाय स्थल पर गुरुवार को जांच की गई है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा संचालित जीएसटी पोर्टल के अनुसार इनका रिस्क स्कोर 10 आ रहा था, जिसका आशय होता है कि फर्म कर अपवंचन में संलिप्त है। जब मौके पर जांच टीम पहुंची तो, देखा कि उनके व्यवसाय स्थल पर व्यवसाय से संबंधित कोई भी लेखा पुस्तक या कोई भी सॉफ्टवेयर जैसे कि टैली का संधारण नहीं पाया गया, जिससे कर अपवंचन की संभावना बढ़ गई। आगे जांच में पाया गया कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2024-25 तक कुल टर्नओवर लगभग 158 करोड़ रुपए से अधिक है, लेकिन उस पर कर का नगद भुगतान शून्य है।

जब ई-वे बिल की जांच की गई तो पता चला कि वर्ष 2023-24 में माल की खरीदी 29.50 करोड़ रुपए की गई, मगर माल की सप्लाई मात्र 50 लाख रुपए की ही की गई। इससे यह पता चलता है कि माल का विक्रय आम उपभोक्ता को किया गया है, किंतु बिल को अन्य व्यवसायियों को बेचकर बोगस जीएसटी इनपुट टैक्स का लाभ दिया गया है, जिससे कि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकार को कर राजस्व की अत्यधिक हानि हुई है. जांच के दौरान व्यवसायी के द्वारा अपनी गलती त्रुटि स्वीकार करते हुए स्वैच्छिक रूप से रू. 40.00 लाख कर भुगतान करने की मंशा जाहिर की किंतु जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने व्यवसायी से लेखा पुस्तक एवं अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने की मांग की. व्यवसायी की ओर से अभी तक कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है.

इसके अलावा 30 व 31 मई को मेसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स, अंबिकापुर के व्यवसाय स्थल पर स्टेट जीएसटी विभाग अंबिकापुर द्वारा जांच की कार्रवाई की गई है. इनके यहां जांच में पाया गया कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2024-25 तक कुल टर्नओवर लगभग 96 करोड़ रुपए से अधिक है, लेकिन उस पर कर का नगद भुगतान नगण्य किया गया है. साथ ही जब ई-वे बिल की जांच की गई तो ज्ञात हुआ कि वर्ष 2023-24 में माल की खरीदी 11 करोड़ रुपए की गई, लेकिन माल की सप्लाई मात्र 7 करोड़ रुपए की ही की गई है. जांच के दौरान व्यवसायी द्वारा अपनी गलती त्रुटि स्वीकार करते हुए स्वैच्छिक रूप से 17.55 लाख रुपए कर भुगतान कर दिया गया है. उक्त व्यवसायी पर स्टेट जीएसटी विभाग द्वारा पूर्व में कोई कार्यवाही नहीं की गई है.

Author Desk

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