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सरकारी अस्पताल में डॉक्टर न मिलने पर मरीज की मौत, विरोध कर रहे भतीजे को पुलिस ने पीटा

सरकारी अस्पताल में डॉक्टर न मिलने पर मरीज की मौत, विरोध कर रहे भतीजे को पुलिस ने पीटा

सुरेंद्रनगर। गुजरात के सुरेन्द्रनगर जिले के पाटड़ी स्थित सरकारी अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद हंगामा खड़ा हो गया. बुबाना गांव के शिक्षक और सोलंडी गांव के स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत राजेंद्र जादव को सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था. लेकिन परिजनों का आरोप है कि समय पर डॉक्टर न होने के कारण उन्हें प्राथमिक इलाज नहीं मिला और उनकी मौत हो गई।

राजेंद्र जादव का मकान पाटड़ी में बन रहा था और वह काम के सिलसिले में वहां मौजूद थे। पांच दिन पहले पानी की मोटर रिपेयर करवाने गए थे, तभी उन्हें सीने में दर्द हुआ। जब परिजन राजेंद्र को अस्पताल लाए तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद अस्पताल में डॉक्टर की गैरमौजूदगी को लेकर परिजनों में आक्रोश फैल गया।

स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को बुलाया गया। लेकिन पुलिस और मृतक के परिजनों के बीच विवाद बढ़ गया। आरोप है कि पाटड़ी के पीआई बीसी छत्रोलिया, एएसआई भरतसिंह समेत 6 से 7 पुलिसकर्मियों ने मृतक के भतीजे रमेश जादव को सामने ही पीट दिया। पुलिस उसे थाने भी ले गई और पूरी रात लॉकअप में रखा। परिजनों का दावा है कि उसे अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होने दिया गया।

इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। घटना के बाद सुरेन्द्रनगर के डीआईजी डॉ. सुरेश पंड्या ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच की जिम्मेदारी ध्रांगध्रा के डीवाईएसपी जे.डी. पुरोहित को सौंपी गई है। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की बात कही गई है।

घटना की हो रही निंदा

यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और लोगों ने इसे गुजरात पुलिस के लिए कलंक करार दिया। कई यूजर्स ने इस घटना को “गुजरात मॉडल” की विफलता के रूप में पेश किया, जिसमें सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की कमी और पुलिस की बर्बरता को उजागर किया गया। वीडियो वायरल होते ही घटना की कड़ी निंदा करते हुए एक यूजर ने लिखा, “खाकी में ये पुलिस है या गुंडे? मृतक के परिजन को पीटना कहां का इंसाफ है?” एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “अस्पताल में डॉक्टर नहीं, मरीज की मौत, और ऊपर से पुलिस की मार। यह है गुजरात मॉडल?” कुछ यूजर्स ने पुलिसकर्मियों पर तत्काल कार्रवाई और बर्खास्तगी की मांग की।

Author Desk

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