छत्तीसगढ़

आईसीएआर संस्थान में शिक्षाविद उद्योगों की बैठक

आई.सी.ए.आर. – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान बरोंडा़ , रायपुर में आयोजित होने वाली
शिक्षाविद उद्योगों की बेठक के परिपेक्ष्य में प्रेसवार्ता हुई। इस प्रेसवार्ता का मुख्य
उद्देश्य संस्थान द्वारा की गई तकनीकों के विकास में उद्योगों के द्वारा संभावित भूमिका में योगदान देना है। संस्थान के निदेशक डॉ पी के घोष ने पिछले 10
साल में संस्थान द्वारा की गई गतिविधियों एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, यह संस्थान पौध संरक्षण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र एवं देश का अग्रणी संस्थान है।
इस संस्थान द्वारा कुछ ऐसी तकनीक का निजात किया गया है जिसके द्वारा आने वाले समय में रोग एवं कीट प्रतिरोधक प्रजातियों का निजात हो सके एवं हानिकारक रसायनों के
दुष्परिणाम को दूर करते हुए पर्यावरण मित्र तकनीको का निजात किया जा सके। जिसके द्वारा
कम से कम कीट पतगं एवं बीमारियों को रोक सके एवं किसानों को उनकी उपज का लाभ
हो सके। इस संबंध में संस्थान द्वारा ड्रोन तकनीक द्वारा किसानों के खेत में प्रदर्शन किए जा रहे है।
संस्थान द्वारा कसडोल ब्लॉक में आदिवासी किसानों के बीच में फॉर्मर र्फस्ट प्रोग्राम किए जाने वाले तकनीकी हस्तांतरण एवं उसके विकास से संबंधित कार्य की जानकारी दी और
बताया कि पिछले 5 साल में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में इस परियोजना के तहत किसानों के
सामाजिक एवं आर्थिक जीवन में चहुमुखी विकास हुआ है।
कल होने वाली शिक्षाविद उद्योग बैठक में देश भर के 20 शिक्षाविद एवं लगभग उतने ही उद्योगों की भागीदारी होने जा रही है। जिसके तहत बौद्धिक संपदा प्रबंधन कृषि तकनीक व्यवसायीकरण तथा भागीदारी के माध्यम से अनुसंधान एवं परिणामों के विकास एवं प्रबंधन को
बढ़ावा देने का कार्य करना है। इस कार्यक्रम में 25 प्रगतिशील उन्नत किसानों को भी आमंत्रित किया गया है।
2 जून को आयोजित शिक्षाविद उद्योगो की बैठक में राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन
संस्थान पिछले तीन सालों से शिक्षा के क्षेत्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम 6-7 विषयों पर आयोजित कर रहा है, और इसी कड़ी में स्नातक स्तर की पढ़ाई सत्र- 2023-24 में प्रस्तावित हुआ है, इसके द्वारा निकलने वाले छात्रों का उज्जवल भविष्य का निर्माण इस षिक्षाविद उद्योग
बैठक में निमि र्त हो सकेगा जोकि छात्रों के चौमीखी विकास, कुषल प्रबंधन एवं नये रोजगार के
अवसर प्रदान करने में सहायक होगा।
प्रेस वार्ता के दौरान संस्थान के संयुक्त निदेशक एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अनिल दीक्षित
एवं काय र्क्रम के समन्वयक डॉ. एस के अम्बस्ट विशेष रूप से उपस्थित रहे।

Author Desk

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