छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : सुकमा में बिना टेंडर पूल निर्माण का मामला उठाया लखमा ने, मंत्री अरुण साव के जवाब से विपक्ष ने किया सदन से बहिर्गमन

छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : सुकमा में बिना टेंडर पूल निर्माण का मामला उठाया लखमा ने, मंत्री अरुण साव के जवाब से विपक्ष ने किया सदन से बहिर्गमन

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में जमकर हंगामा हुआ। विधायक कवासी लखमा ने सुकमा और दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित सरहदी 3 गाँवों में पुलिया निर्माण का मामला उठाया। इसके बाद मंत्री अरुण साव के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने हंगामा किया और सदन से वाकआउट किया। कवासी लखमा ने कहा कि पहले पूल बनने का काम शुरू हुआ फिर टेंडर डालने का कौन सा नियम है? इस पर मंत्री अरुण साव ने जवाब देते हुए कहा कि मई के महीने में 2 पूल के निर्माण का काम शुरू हुआ। सुरक्षा कैम्प स्थापित है। वहां रसद सामान ले जाना ज़रूरी था इसलिए 2 पुलिया का निर्माण शुरू हुआ था। आचार संहिता लगी थी। शिकायत होने पर काम रोक दिया गया, कोई भुगतान नहीं हुआ है। अब टेंडर आज खुल रहा है, जिसे मिलेगा वो बनाएगा। कलेक्टर ने पूल बनाने की अनुमति दी थी।

कवासी लखमा ने कहा कि गड़बड़ी की गई है पूल निर्माण मामले में जनता के गाढ़ी कमाई को चूना लगाया है। ईई और सब इंजीनियर पर कार्रवाई करेंगे क्या?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मंत्री मान रहे हैं कि आचार संहिता में निर्माण शुरू हुआ। टेंडर भी नहीं हुआ था, फिर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।
इसके बाद डिप्टी सीएम के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के विधायकों ने जमकर की नारेबाज़ी। सदन में विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की माँग पर अड़ा रहा। इसके बाद विपक्षी विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया।

प्रश्नकाल में उठा स्मार्ट सिटी के कार्यों का मुद्दा :

विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायक ने मंत्री अरुण साव से सवाल किया। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने बूढ़ातालाब में सौंदर्यीकरण का मुद्दा उठाया। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने जवाब दिया। जिस पर अजय चंद्राकर ने पूछा किस-किस मद से राशि खर्च हुई है। मंत्री साव ने जवाब दिया कि सभी कार्य स्मार्ट सिटी से हुए हैं। इस पर विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि पर्यटन मंडल, नगर निगम और स्मार्ट सिटी की राशि खर्च हुई है, इस मामले की जांच कराई जाए। अरुण साव ने कहा परीक्षण कराएंगे। वहीँ भाजपा विधायक राजेश मूणत ने कहा कि तीन-तीन एजेंसियों ने काम किया है, 6 करोड़ का फाउंटेन लगाया, लेकिन बंद पड़ा हुआ है। यह कब तक चालू कर लेंगे। भाजपा विधायक सुनील सोनी ने कहा कि कांग्रेस ने अनियमितताओं का भंडार दिया है। हालत यह थी कि निकायों में टोटी लगाने के पैसे नहीं थे। सुनील सोनी ने स्मार्ट सिटी के कार्यों की जांच की मांग की।

प्रश्नकाल में उठा जल जीवन मिशन के कार्यों का मुद्दा :

बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने अपात्र ठेकेदारों को टेंडर जारी करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा बीते दो सालों में कई ठेकेदारों ने फर्जी दस्तावेज से काम हथियाये हैं। मंत्री अरुण साव ने सदन में स्वीकार किया की शिकायत मिली है। फर्जी दस्तावेज के आधार टेंडर हासिल करने की शिकायत मिली है।

अरुण साव ने कहा कि प्रारंभिक जांच की जा रही। जांच के बाद हाई पावर कमेटी कार्यवाही का निर्णय लेगी। वहीँ धरमलाल कौशिक ने कहा कि इसमें बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। जांच होने के बजाय अपात्र ठेकेदारों को पेमेंट अधिकारियों ने कर दिया। यह ईडी स्तर के जांच का विषय है। पीएचई मंत्री जी इसकी ईडी से जांच कराएंगे। इस पर मंत्री अरुण साव ने कहा कि इसमें जांच जारी है। जल जीवन मिशन में गड़बड़ी करने वालों पर कठोर से कठोर कार्यवाही की जाएगी।

बालको में कार्यरत स्थानीय कर्मचारी का मुद्दा उठा :

विधायक फूलसिंह राठिया ने कहा कुल कितने कर्मचारी आधिकारिक रूप से कार्यरत है? कितने राज्य के बाहर है? क्या इन्हें प्रशिक्षित कराया गया है?
इस पर उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने जवाब में कहा कि कुल 505 मिल निवासियों को रोजगार दिया गया है। 1986 कर्मचारी आधिकारिक रूप से कार्यरत है। 607 छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर से हैं। स्थानीय बेरोजगारी को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षितों को रोजगार एवं बेरोजगार भत्ता दिए जाने अलग से योजना चलाई जाती है।

विधायक फूलसिंह राठिया ने कहा बालकों में प्रशिक्षण दिया जाता है पर रोजगार नहीं दिया जाता है। इस पर मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि बालको कंपनी द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि काम सीखकर रोजगार उपलब्ध हो जाए। ऐसी कोई योजना नहीं है, जिसमें उन्हें वहीं रोजगार दिया जाए।
नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में रोजगार शत प्रतिशत तय किया गया है। ऐसे स्थान में जहां मंत्री संरक्षण नहीं देंगे वहां युवाओं को रोजगार कहा मिलेगा। क्या इसमें संशोधन नहीं किया जा सकता?

मंत्री लखन लाल देवांगन ने जवाब दिया कि बालको वेदांता मेरे ही विधानसभा के अंतर्गत आता है। इस कंपनी को अनुदान सब्सिडी नहीं देते हैं। इसलिए इसमें संशोधन नहीं किया जा सकता।

Author Desk

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