छत्तीसगढ़

भाजपा सरकार में नौकरी वापस मांगने युवाओं को लहू बहाना पड़ रहा : धनंजय ठाकुर

भाजपा सरकार में नौकरी वापस मांगने युवाओं को लहू बहाना पड़ रहा : धनंजय ठाकुर

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार से नौकरी वापस मांगने बीएडधारी बर्खास्त युवा शिक्षकों को लहू बहाना पड़ रहा है यह बेहद ही दुखद घटना है। सरकार में बैठे लोगों को युवाओं की रूदन सुनाई नहीं पड़ रही है। भाजपा की सरकार ने बीएड धारी शिक्षकों के पक्ष को न्यायालय में मजबूती से नहीं रखा जिसके चलते ही बीएड धारी शिक्षकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। दुख की बात यह है सरकार के मंत्री लगातार बीएड धारी शिक्षकों के साथ अन्याय कर रहे हैं, उन पर लाठियां चला रहे हैं, उन्हें पुलिस से गिरफ्तार करवा रहे लेकिन उनकी बात को नहीं सुन रहे है।

धनंजय ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा विभाग में 70 हजार पद रिक्त है। पूर्व में 33000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सरकार रोक कर रखी हैं। 20 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की है। इन पदों पर इन शिक्षकों को समायोजित किया जा सकता है। सरकार इनके मामले में तत्काल निर्णय लेकर इनका समायोजन करे। प्रदेश के 2897 सहायक शिक्षक अपनी नौकरी बचाने के लिये आंदोलनरत है, धरने पर बैठे है सरकार है कि इस मामले में कोई निर्णय नहीं ले रही है। बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की नौकरी बचाने सरकार के पास अनेकों विकल्प है, विभागीय डीएड परीक्षा का आयोजन भी करवा कर नौकरी यथावत बरकरार रख सकती है सरकार लेकिन इस सरकार की नीयत ठीक नहीं है। भाजपा सरकार नौकरी छिनने वाली सरकार है। इन शिक्षकों को सरकार ने भर्ती निकाल कर प्रक्रिया पूरी करने के बाद नियुक्ति दिया था।

धनंजय ठाकुर ने कहा कि इस मामले में प्रभावित अधिसंख्यक शिक्षक बस्तर और सरगुजा संभाग के है तथा दूरस्थ क्षेत्रों में पदस्थ है। 2897 में से 70 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते है। यह इन के भविष्य का सवाल है। अब अदालत के निर्णय के बाद गतिरोध आ रहा है तो सरकार इस मामले का समाधान निकाल डीएड प्रशिक्षित शिक्षकों के लिये अलग भर्ती निकाले तथा इन पहले से नियुक्ति पा चुके 2897 शिक्षकों की सेवा आगे सुनिश्चित रखने की व्यवस्था करें। इन शिक्षकों की भर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान ही हुआ था, ऐसा नहीं है भाजपा सरकार बनने के बाद भी तीसरी और चौथी काउंसलिंग 9 फरवरी 2024 तथा 7 मार्च 2024 को हुई थी तथा इनकी नियुक्तियां हुई थी। सरकार इनके मामले में सहानुभूति पूर्वक निर्णय करें।

Author Desk

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