गाड़ाडीह में किसान चौपाल : जैविक और व्यवसायिक खेती पर हुई बात
कलेक्टर ने भी चौपाल में की शिरकत, खेती-किसानी को और बेहतर करने मांगे सुझाव


धमतरी (प्रखर) जिले में खेती-किसानी को बेहतर बनाकर लाभ के व्यवसाय के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से लगातार किसान चौपालों का आयोजन किया जा रहा है। आज कुरूद विकासखण्ड के गाड़ाडीह में हुई किसान चौपाल में जैविक तरीके से खेती करने के साथ-साथ ज्यादा लाभ देने वाली व्यवसायिक खेती के बारे में भी चर्चा की गई। आज के किसान चौपाल में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा सहित आसपास के 10 से अधिक प्रगतिशील किसानों ने खेती के अपने अनुभवों को साझा किया। कलेक्टर श्री मिश्रा ने कहा कि जिले के किसानों को ज्यादा लाभ पहुंचाने, खेती को और बेहतर बनाने से लेकर सरकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने के उद्देश्य से ऐसी किसान चौपालों का आयोजन किया जा रहा है। श्री मिश्रा ने बताया कि जिले में लगभग 20 ऐसी चौपालों की योजना बनाई गई है। इन चौपालों में जिले के प्रगतिशील किसान, जो व्यवसायिक रूप से उन्नत खेती कर रहे हैं, को बुलाकर दूसरे किसानां को मार्गदर्शन दिलाया जा रहा है। खेती-किसानी के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों को लगाने, डेयरी, गौपालन, मछलीपालन, बकरी पालन, कुक्कुट पालन जैसे कृषि आधारित व्यवसायों के लिए भी इन चौपालों में मार्गदर्शन किया जा रहा है। कलेक्टर ने उपस्थित किसानों को खेती को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी मांगे। उन्होंने सभी को आश्वासन दिया कि जिले में किसानों की आय बढ़ाने और कृषि विकास के लिए हरसंभव मदद दी जाएगी। आज की चौपाल में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती रोमा श्रीवास्तव, जिला पंचायत सदस्य नीलम चन्द्राकर, जनपद पंचायत सदस्य महेश ध्रुव, गाड़ाडीह की सरपंच श्रीमती अर्चना कश्यप मौजूद रहीं।

आज की चौपाल में जिला पंचायत सदस्य और प्रगतिशील किसान नीलम चन्द्राकर ने रबी मौसम में धान के बदले दलहन-तिलहन फसलों की खेती और उद्यानिकी फसलों विशेषकर सब्जी, फूल और फसलों के बगीचे लगाकर ज्यादा मुनाफा कमाने के बारे में बताया। एक अन्य प्रगतिशील किसान श्री चन्द्रहास पटेल ने मृत पशुओं को समाधी देकर जैविक खाद बनाने और उसके उपयोग से उत्पादन बढ़ाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक मृत गाय या बैल को समाधी देकर एक साल बाद उसकी खुदाई कर बने खाद को लगभग 10 एकड़ भूमि में उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इससे अन्य खादों की तुलना में 10 गुना ज्यादा उत्पादन हो सकता है। किसान थानेश्वर साहू ने अपने दस साल के जैविक खेती के अनुभव उपस्थित किसानों से साझा किए। उन्होंंने गौ आधारित प्राकृतिक खेती के तरीके बताए। थानेश्वर साहू ने ब्लैक राईस एवं रेड राईस उत्पादन में गौ आधारित प्राकृतिक खेती के बारे में बताया। प्रगतिशील युवा किसान पुष्पक साहू ने पॉली हाउस में आर्किड फूलों की खेती से एक एकड़ रकबे से लगभग 50 लाख रूपये की आमदनी की योजना साझा की। इसी तरह कृषक लीलाराम ने संतुलित खादों के उपयोग से खेती, डोमनलाल साहू ने फसल चक्र परिवर्तन के फायदे, भोलाराम साहू ने मक्का की उन्नत खेती के बारे में भी बताया। प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश औसर ने पशुपालन विशेषतः बकरी पालन की आधुनिक तरीकों की जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने मशरूम उत्पादन कर कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने की जानकारी भी लोगों को दी। इस अवसर पर उप संचालक कृषि मोनेश साहू, पशुपालन विभाग के डॉ.भूपेन्द्र सिन्हा सहित कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, उद्यानिकी विभाग के अधिकारी, सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च एंड डेवलपमेंट के मैनेजर कृष्णेन्द्र भी मौजूद रहे।