असम के मुख्यमंत्री सरमा और भाजपा नेता राम माधव के खिलाफ एनएसए के तहत हो कार्रवाई : मोहन मरकाम

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार और भाजपा अपने चुनावी लाभ के लिये देश द्रोहियों के साथ खड़ी होने में परहेज नहीं करती है। यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट प्रमुख के सनसनीखेज खुलासे से सामने आया है कि भाजपा ने मणिपुर में चुनाव जीतने के लिए देश विरोधी ताकतों का सहारा लिया था। देश के प्रति भाजपा की कथनी और करनी में हमेशा ही फर्क रहा है। खुद को देशभक्त बताने वाले भाजपा के नेता मणिपुर हिंसा पर खामोश हैं और देश विरोधी ताकतों के साथ हैं। यूकेएलएफ के प्रमुख एसएस हाओकिप द्वारा किए गए खुलासे की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा व भाजपा नेता राम माधव पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया जाये।
मोहन मरकाम ने कहा कि यूकेएलएफ सुप्रीमो द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे गए पत्र का उल्लेख किया है, जिसमें यूकेएलएफ नेता ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने उनके साथ एक समझौता किया था। इस समझौते के तहत उन्होंने और उनके संगठन ने 2017 व 2022 के दो विधानसभा चुनावों और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था। वास्तव में यूकेएलएफ को भाजपा के चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा 15 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। इसी पत्र में यूकेएलएफ प्रमुख ने केंद्रीय गृह मंत्री से पूछा है कि चुनाव में भाजपा का समर्थन करने के बावजूद उन्हें परेशान क्यों किया जा रहा है।
मोहन मरकाम ने कहा कि सरमा और माधव दोनों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने चुनाव जीतने के लिए देश विरोधी ताकतों का सहारा लिया था। राष्ट्रवाद और देशभक्ति का उपदेश देने के लिए भाजपा और उसके नेताओं पर तंज कसते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि क्या इनसे बड़ा देशद्रोही कोई हो सकता है।