छत्तीसगढ़

दुर्घटना के पहले घंटे में कैसे मिले मरीज को प्राथमिक उपचार, रामकृष्ण हॉस्पिटल के डॉक्टर ने दी जानकारी

‘नेशनल ट्रामा लाईफ सपोर्ट प्रोवाइडर’ कोर्स का आयोजन

रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल छत्तीसगढ़ प्रदेश में सुपर स्पेशलिटी ट्रॉमा सेंटर के रूप में स्थापित एक विख्यात नाम बन चुका है, दुर्घटनाएं अनचाही एवं अघोषित होती हैं, किसी भी दुर्घटना के तत्पश्चात यदि मरीज को सही समय पर जिसे हम मेडिकल की भाषा में गोल्डन आवर्स के नाम से भी जानते हैं इस गोल्डन ऑवर में यदि मरीज को पर्याप्त प्रारंभिक चिकित्सा मिल जाए या मरीज सही तरीके से अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसके बचने के आसार बढ़ जाते हैं, इसी के सार्थक प्रभाव को समझने हेतु रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के इमरजेंसी विभाग के एचओडी डॉ संतोष कुमार सिंह द्वारा 3 दिवसीय ‘नेशनल ट्रामा लाईफ सपोर्ट प्रोवाइडर’ कोर्स का आयोजन किया गया है, इस आयोजन में प्रदेश के विभिन्न अस्पताल के डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टॉफ एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को सड़क दुर्घटना के बाद प्री-हॉस्पिटल ट्रांसपोर्टेशन और अस्पताल पहुंचने के पश्चात घायल मरीज के इलाज संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया, प्रशिक्षण में प्रोग्राम डायरेक्टर Dr. T.S. Srinath Kumar, रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के आपातकालीन विभाग के एचओडी Dr. Santosh Kumar Singh, लीडइंस्ट्रक्टर Dr. Shaik Manzoor Eilahi, Dr. Ajay Kumar Mishra, Dr. Ramani Sekar

Anbalagan, Mr. Manickavasagam R की टीम द्वारा प्रशिक्षण दिया गया । “यह प्रशिक्षण कार्यक्रम रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के आपातकालीन विभाग ने SEMI (सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन इंडिया) के साथ मिलकर किया, जो ट्रॉमा केयर में शामिल डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ को एक संपूर्ण ट्रॉमा एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करती है एवं आपातकाल में रिस्क को कम करने के लिए आघात प्रबंधन करने का अनुभव प्रदान करती है।

आघात के साथ सबसे बड़ी बात यह है कि 18-40 वर्ष के बीच लोगों में अधिक पाया गया है। दुर्घटना से मरीज के पूरे परिवार को मानसिक व आर्थिक रूप से बहुत हानि होती है।

अगर आप आंकड़ों में नजर डाले तो साल 2022 में भारत में करीब 4,61,312 सड़क दुर्घटना हुई जिसमें 1,68,491 लोगो की मौत हो गयी, जिसमें 4,43,366

लोग घायल हुये एवं वर्ष 2021 में 4,13,000 सड़क दुर्घटनायें हुई जिसमें 3,85,000 लोग घायल हुये 1,53,000 लोग मारे गये ।

वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 11.9%, मृत्यु में 9.4% और चोटों में 15.3% की वृद्धि हुई ।

आंकड़ों को देखते हुए हम यह कह सकते है कि सड़क दुर्घटना कोरोना से भी ज्यादा भयावह है।

डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे का कहना हैं कि इस प्रकार के प्रशिक्षण बहुत कारगर साबित हो सकते है और हम निरन्तर इस तरह का प्रयास प्रशिक्षण के रूप में करते रहेंगे, जिसमें सड़क दुर्घटना से होने वाले मौत व नुकसान को कम किया जा सके। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के मेडिकल एवं मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे, 35
वर्षों से भी अधिक अनुभवी व कुशल सर्जन के रूप में विख्यात है जिन्होंने अपने कठिन परिश्रमों व प्रयासों से रामकृष्ण केयर अस्पताल को श्रेष्ठ व विश्वस्तरीय हॉस्पिटल का स्थान दिलाया।

Author Desk

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