छत्तीसगढ़

शिवलिंग प्रकट तिथि पर प्राचीन मकेश्वर महादेव का भक्तों ने किया अष्टदल कमल से दिव्य श्रृंगार


सैकड़ो वर्ष बाद बना ऐसा दुर्लभ संयोग पूजा अर्चना हेतु उमड़ी भीड़ ,दो टन वजनी घंन्टा से निकली ऊँ की ध्वनि

शहर की धार्मिक पहचान को सामाजिक एवं आध्यात्मिक आयोजन के माध्यम से बढ़ाये आगे – राजेंद्र शर्मा

धमतरी(प्रखर) भगवान शंकर शिवलिंग के रूप में सोमवार को मगशर माह के आद्रा नक्षत्र में प्रकट होने का शिवमहापुराण सहित अन्य धर्मशास्त्रो में उल्लेख मिलता थे और जिनकी प्रथम पूजा ब्रह्मा ,विष्णु, महेश द्वारा किए  जाने की बात व्यासपीठ से धर्म गुरू बताते भी है, सैकड़ो वर्ष बाद सोमवार को यह दुर्लभ संयोग निर्मित हुआ था इस   पौराणिक महत्व को भक्तों के द्वारा पूरी आस्था व श्रद्धा के साथ आगे बढ़ते हुए शहर के प्राचीन मकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोले भंडारी का अद्भुत, आलौकिक, अदितिय भव्य एवं दिव्य श्रृंगार, शास्त्रों मे उल्लिखित धार्मिक तथ्यों को मार्गदर्शन रखते हुए अष्टदल कमल स्वरूप में किया गया। इसके पश्चात दीपों से जगमगाते हुए की गई दिव्य आरती से पूरा वातावरण धर्म एवं अध्यात्म से ओत-प्रोत हो गया था इस इस धार्मिक अनुष्ठान को पूरे विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार  के बीच काशी विद्या पीठ  से शिक्षित पंडित करण शास्त्री द्वारा संपन्न कराया गया तथा भगवान भोले भंडारी के दिव्य श्रृंगार  माता गोमती चौबे, गोपाल कटारिया सहित पूरी भक्तजनों की टीम द्वारा किया गया ।साथ ही विशाल भंडारा प्रसादी का भी वितरण इस अवसर पर किया गया जिसमें काफी संख्या में लोग प्रसाद ग्रहण हेतु पहुंचे थे । इस अवसर पर धर्म की नगरी धमतरी की धार्मिक पहचान को सामाजिक एवं धार्मिक आयोजन के माध्यम से आगे बढ़ने का नगर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र शर्मा ने उपस्थित सभी धर्म प्रेमियों से आह्वान किया।

Author Desk

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