
रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखा गया पत्र रमन का घड़ियाली आंसू है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह किसानों के हित में फसल बीमा की चिंता नहीं कर रहे अपनी चुनावी फसल की चिंता सता रही है यह समस्या केवल राजनांदगांव या छत्तीसगढ़ की नहीं पूरे देश की है। फसल बीमा की विसंगति के बारे में राज्य सरकार लगातार केंद्र का ध्यानाकर्षण करती रही है लेकिन मोदी सरकार इस दिशा में उदासीन बनी हुई। छत्तीसगढ़ से भाजपा के 9 सांसद है किसी ने भी फसल बीमा के संबंध में किसानों की समस्या की आवाज नहीं उठाया है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा लालकिले से बोला गया सबसे बड़े झूठों में से एक प्रधानमंत्री फसल बीमा भी है। प्रधानमंत्री ने वायदा किया था कि यह व्यक्तिगत ईकाई के रूप में लागू की जायेगी लेकिन शुरूआत से ही व्यक्तिगत की बजाय सामूहिक रहा। इस योजना का लाभ किसानों को कभी नहीं मिलता है। नोटबंदी और जीएसटी के बाद सबसे ज्यादा संशोधन किसी योजना में किया गया है तो वह है फसल बीमा योजना। इस योजना में संशोधनों का उद्देश्य अडानी अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों की बीमा कंपनियां को फायदा पहुंचाना रहा है। फसल बीमा से छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश के किसान पीड़ित है। फसल बीमा एक ऐसी योजना है जिसमें किसानों को कोई पॉलिसी नहीं दी जाती है। फसल बीमा के दावे का भुगतान केंद्र सरकार कभी किसानों को देना ही नहीं चाहती जब भी किसानों का नुकसान होता है तो भुगतान कृषि राजस्व पत्रक (आरबीसी) के अनुसार करने का निर्देश दिया जाता है न कि बीमा की शर्तों के अनुसार।