छत्तीसगढ़राजनीति

कमल पर लड़ने का निर्णय लेकर भाजपा ने माना छत्तीसगढ़ में उसके पास नेतृत्व नहीं : सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर। भाजपा के द्वारा यह कहा जाना कि आने वाले चुनाव में कमल छाप को आगे करके चुनाव लड़ेगी कोई चेहरा सामने नहीं होगा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कमल पर लड़ने का निर्णय लेकर भाजपा ने मान लिया छत्तीसगढ़ में उसके पास नेतृत्व नहीं। भाजपा इसके पहले बयान देती थी कि वह छत्तीसगढ़ में नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ेगी। कर्नाटका चुनाव में बुरी तरह हार के बाद भाजपा मोदी के चेहरे को भी आगे करने से डर रही है। कर्नाटका में भाजपा ने मोदी को आगे कर चुनाव लड़ा था उसे समझ आ गया कि मोदी का चेहरा भी अब चुनाव जिताऊ नहीं रहा इसीलिये छत्तीसगढ़ में वे स्थानीय नेताओं के साथ मोदी के चेहरे से भी किनारा करने का निर्णय लिया गया है।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेताओं पर से जनता का भरोसा उठ ही गया था, अब उनके आलाकमान को भी भरोसा नहीं है। स्वयं रमन सिंह के नेतृत्व को जनता 2018 में नकार दिया था। रमन मंत्रिमंडल के सारे नेताओं पर भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी के दाग लगे है। यही कारण है कि किसी को चेहरा बनाने का साहस नहीं दिखा पा रही। किसी भी दल का प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल का नेता उसका स्वाभाविक नेतृत्वकर्ता होता है लेकिन भाजपा को अपने अध्यक्ष और विधायक दल के नेता की काबिलियत पर भी भरोसा नहीं है वह उनके चेहरे से भी डर रही है जिस चेहरों पर पार्टी को भरोसा नहीं उसे जनता क्या स्वीकार करेगी।

सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता उनकी सरकार की योजनाओं के सामने छत्तीसगढ़ में भाजपा के सारे नेता बौने साबित हो गये है। भाजपा नेतृत्व को समझ ही नही आ रहा किसे आगे करे इसीलिये भाजपा ने चार अध्यक्ष बदल लिया, नेता प्रतिपक्ष बदल लिया। 2018 में धरमलाल कौशिक के अध्यक्ष रहते भाजपा विधानसभा चुनाव हार गयी। उसके बाद विक्रम उसेंडी अध्यक्ष बनाये गये उनके नेतृत्व में चित्रकोट, दंतेवाड़ा उपचुनाव, निकाय चुनाव हारने के बाद नया अध्यक्ष विष्णुदेव साय को बनाया गया उनके नेतृत्व को भी जनता ने नकार दिया दो उपचुनाव मारवाही, खैरागढ़ पंचायत और नगरीय निकाय के दूसरे चरण में भाजपा बुरी तरह हार गयी अब अरूण साव को आगे लेकर आये है। साव के नेतृत्व में भाजपा और बिखर गयी है। भाजपा भानुप्रतापपुर उपचुनाव हारा अब 2023 का विधानसभा चुनाव हारने की तैयारी है।

Author Desk

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