2800 करोड़ की चिटफंड धोखाधड़ी : अच्छे रिटर्न का वादा कर निवेशकों से रकम हड़पने वाले पिता-पुत्र गिरफ्तार

2800 करोड़ की चिटफंड धोखाधड़ी : अच्छे रिटर्न का वादा कर निवेशकों से रकम हड़पने वाले पिता-पुत्र गिरफ्तार
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉड्रिंग से जुड़े 2800 करोड़ के चिटफंड धोखाधड़ी मामले में कोलकाता से पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है। दोनों ने अच्छे रिटर्न का वादा करके निवेशकों से रकम हड़पी। गिरफ्तारी के बाद ईडी ने दोनों को मनी लॉड्रिंग एक्ट की विशेष अदालत में पेश किया। जहां से दोनों को 10 दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।
प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीएमडी बासुदेव बागची और उसके बेटे अविक बागची के खिलाफ चिटफंड धोखाधड़ी मामले में शिकायत के बाद ईडी ने 26 नवंबर को कंपनी के कोलकाता और मुंबई परिसरों में छापेमारी की थी। दोनों आरोपियों ने मासिक आय योजना, वरीयता शेयर और क्लब सदस्यता प्रमाणपत्र के नाम पर लोगों से 2800 करोड़ रुपये जमा कराए। साथ ही उच्च रिटर्न देने का वादा किया। ईडी ने कहा कि 1900 करोड़ रुपये अब तक निवेशकों को लौटाए नहीं गए हैं। प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनीज सेबी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की अनुमति के बीच अवैध रूप से चल रही थी। इससे अलग-अलग राज्यों के लाखों निवेशक प्रभावित हुए।
एजेंसी ने कहा कि निवेशकों से एकत्रित धन को आरोपियों ने कई संस्थाओं में शामिल किया। इसका उपयोग बाद में विभिन्न संपत्तियों को खरीदने के लिए किया गया। ईडी धोखाधड़ी से अर्जित धन से अर्जित संपत्तियों का पता लगाने के लिए आरोपियों से पूछताछ करेगी। यह कार्रवाई घोटाले से जुड़ी संपत्तियों का पता लगाने और उन्हें बरामद करने के ईडी के प्रयासों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सही निवेशकों और पीड़ितों को धन वापस दिलाना है।
प्रयाग ग्रुप का चिटफंड कारोबार पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में फैला हुआ था, जिसमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, असम और त्रिपुरा जैसे राज्य शामिल थे। आरोप है कि फर्म ने अवैध योजनाएं चलाकर जनता से 1,900 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जुटाई थी। 2017 में भी सीबीआई ने ओडिशा में दर्ज एक मामले के आधार पर प्रयाग ग्रुप के सीएमडी बासुदेव बागची और उनके बेटे अविक बागची को गिरफ्तार किया था।