छत्तीसगढ़

विश्व दुग्ध दिवस : कई दुग्ध संग्राहक समितियों में हुए शिविर-संगोष्ठियां

जिले में दुग्ध व्यवसाय को बढ़ाने के हो रहे प्रयास, दुग्ध उत्पादक और संग्राहको को मिलने लगी कई सुविधाएं

धमतरी(प्रखर) आज विश्व दुग्ध दिवस पर जिले के दुग्ध उत्पादकों और संग्राहकों में विशेष उत्साह देखने मिला। जिले की कई दुग्ध समितियों में विशेष संगोष्ठियाँ और पशु स्वास्थ्य जांच शिविर लगाये गए। इन शिविरों-संगोष्ठियों में पशुपालकों को कम लागत में अधिक दुग्ध उत्पादन के तरीके बताए गए और संग्राहकों को दुग्ध व्यवसाय से होने वाले फायदों की जानकारी दी गई। दुग्ध व्यवसाय से जुड़े ग्रामीणों को सरकार से मिलने वाली सुविधाओं और योजनाओं की जानकारी भी दी गई । कलेक्टर  अबिनाश मिश्रा ने इस अवसर पर सभी दुग्ध उत्पादक पशुपालकों और संग्राहकों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि विश्व दुग्ध दिवस पर सभी को धमतरी जिले को श्वेत क्रांति का भागीदार बनना है । धमतरी जिले में पशुधन और दुग्ध उत्पादन की असीमित संभावनाएं है जिससे पशुपालकों और अन्य ग्रामीणों को दुग्ध व्यवसाय से रोजगार का अतिरिक्त साधन मिल सकता है। सभी पशुपालकों को इस अभियान से जुड़ना चाहिए और दुग्ध व्यवसाय को संगठित रूप से संचालित कर फायदा कमाना चाहिए


विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर पशुधन विकास विभाग द्वारा ग्राम बोड़रा (संबलपुर ) मे पशु चिकित्सा व वत्स प्रदर्शनी सह पशु पालक संगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें पशु चिकित्सकों ने पशुओ को कृमिनाशक दवापन, जुँ किलनी नाशक दवा छिड़काव, बीमार पशुओं का उपचार किया गया। संगोष्ठी मे पशु पालको को पशु पालन को कम लागत तकनीक द्वारा पशुओं को पोषण उपलब्ध कराने, पैरा का यूरिया उपचार, चूना का उपयोग, घरेलू खाद्यान सह उत्पादों से पशुओं के लिए पौष्टिक दाना बनाना, पशुओ से स्वच्छ दूध उत्पादन व जीवन मे दूध के महत्व को समझाया।
कुरूद विकासखंड के सुपेला में आयोजित शिविर में पशु पालकों को पशुपालन के लिए केसीसी ऋण संबंधी जानकारी दी गई और दुध संग्रहण केन्द्र में अधिक से अधिक मात्रा में दुध विक्रय करने कहा गया।शिविर में विभिन्न पशुओं का उपचार, कृमिनाशक दवापान कराया गया और पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य रक्षक औषधियों का वितरण किया गया


तेज़ी से बढ़ी दुग्ध समितियां, माइक्रो एटीएम जैसी सुविधाओं ने पेमेंट की समस्या सुलझाई


धमतरी जिले में ग्रामीणों को दुग्ध व्यवसाय से जोड़कर रोजगार का एक अतिरिक साधन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। कलेक्टर  अबिनाश मिश्रा ने धमतरी जिले में दुग्ध व्यवसाय की बड़ी संभावनाओं को ध्यान में रखकर इसके लिए विशेष कार्य योजना तैयार कर काम शुरू किया है। जिले में अधिक से अधिक पशुपालकों को दुग्ध उत्पादक-संग्राहक समितियों से जोड़ा जा रह है। जिले में मिल्क रूट की पहचान कर लोगों को दुग्ध उत्पादन- संग्रहण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अभी जिले में 68 दुग्ध सहकारी समितियां कार्यरत है। इनके माध्यम से लगभग तीस हज़ार दुग्ध उत्पादक-संग्राहक जुड़े है। पिछले दो महीने में ही लगभग 20 नई समितियों का गठन किया गया है इसी के साथ लंबे समय से अकार्यशील समितियों को सक्रिय किया गया है। इससे  दैनिक दुग्ध संग्रहण भी साढ़े छह हज़ार लीटर प्रतिदिन से बढ़कर लगभग दस हज़ार लीटर तक पहुँच गया है। जिला प्रशासन ने इसे लगभग पंद्रह हज़ार लीटर प्रतिदिन तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। दुग्ध समितियों को समय पर भुगतान नहीं हो पाने समस्या से निपटने के लिए अब समितियों में माइक्रो एटीएम की सुविधा दी जाने लगी है। इससे दुग्ध उत्पादकों-संग्राहकों अब उनके बैंक खातों में सीधे राशि मिलने लगी है और दुग्ध व्यवसाय के प्रति पशुपालकों का रुझान बढ़ा है।इसी के साथ नेशनल डेयरी विकास बोर्ड के माध्यम से जिले में दुग्ध समितियों को सशक्त करने का काम किया जा रहा है। सहकारी समितियों में एक दाम पर दुग्ध संग्रहण, चिलिंग प्लांट तक समय पर पहुंचाने से लेकर दुग्ध प्रोसेसिंग के लिए प्लांट तक पहुंचाने की मजबूत व्यवस्था भी की गई है।जिले में अभी सेमरा बी, भाठागाँव और मुजगहन में तीन दुग्ध चिलिंग प्लांट है इसके अतिरिक्त कुरूद क्षेत्र में चौथा प्लांट शुरू करने की तैयारी है, इसकी मंजूरी राज्य शासन में मिल गई है। जिले की गातापार ग्राम पंचायत में नव निर्मित दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट को भी जल्द शुरू करने की कोशिशें की जा रही है। दुग्ध व्यवसाय से ग्रामीणों को जोड़कर उनकी आय बढ़ाने और रोजगार से जोड़ने के इस प्रयास के परिणाम जल्द ही सामने होंगे ।

Author Desk

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