युवाओं को आगे की राह दिखाता 10-दिवसीय थिएटर वर्कशॉप का उत्साहपूर्ण समापन
युवाओं ने माना, थिएटर के माध्यम से सामाजिक बदलाव संभव है

जिले के 40 से भी अधिक भावी युवा-युवतियाँ ने समाज में व्याप्त जेंडर, कास्ट एवं रिलिजन आधारित भेदभाव से संबंधित चार नाटक तैयार कर किया मंचन
धमतरी (प्रखर) शाश्वत उत्सर्ग यूथ थिएटर ग्रुप व अजीम प्रेमजी फाउन्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 10-दिवसीय ग्रीष्मकालीन थिएटर वर्कशॉप का समापन हुआ । यह वर्कशॉप 9 मई से 18 मई तक जिला संस्थान, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन, शंकरदाह में आयोजित किया गया था । जिसमें धमतरी शहर व ग्रामीण के अलावा, नगरी व कुरुद विकासखण्ड से 40 से अधिक युवा-युवतियाँ ने सहभागिता की ।
शुरुआत के पांच दिनों में प्रतिभागियाँ ने अभिनय तथा आवाज की बारीकियों को समझा व अभ्यास किया । इस दौरान उनके साथ रंगमंच के विभिन्न आयामों जैसे – विषय/स्टोरी का चयन, स्क्रिप्ट तैयार करना, वेश-भूषा, संवाद, म्यूजिक, लाइट और अभिनय के संदर्भ व महत्व पर विस्तार से चर्चा के साथ-साथ, डेमो देकर अभ्यास करने का मौका दिया गया । अगले पांच दिवस में सभी अभ्यार्थियों को चार समूहों में विभाजित कर चार अलग-अलग सामाजिक समस्याओं/विषयों पर आधारित नाटक तैयार करने का कार्य दिया गया । इसके लिये प्रत्येक समूह में एक-एक मेंटर (थिएटर के जानकार) द्वारा लगातार गाइड किया गया । सभी नाटक आकाश गिरी, गौतम, सोहन, आशीष, सोमनाथ, मुकेश, देवेंद्र, गुलशन, पुष्कर, सुनील व नरेन्द्र के मार्गदर्शन में तैयार किये गए ।
वे चार नाटक, जिसे तैयार कर 150 से भी अधिक शिक्षकों, पालकों तथा युवाओं के समक्ष प्रस्तुत किया गया :
- जातीगत भेदभाव आधारित आधारित नाटक – दीवार लेखक – इश्तियाक, मेंटर, निर्देशन व गीतकार – गौतम साहू
- लैंगिक असमानता आधारित नुक्कड़ नाटक – हम किसी से कम नहीं रचनाकार, मैंटर व निर्देशन – अकाश गिरि गोस्वामी
- जातिगत व भ्रष्टाचार आधारित नाटक – बुधिया रचनाकार, मैंटर व निर्देशन – देवेन्द्र अंकारे एवं गौतम साहू
- सांप्रदायिकता आधारित नुक्कड़ नाटक– जागो रचनाकार – शाश्वत उत्सर्ग यूथ थिएटर ग्रुप, मैंटर व निर्देशन – सोहन लाल साहू
नाट्य प्रस्तुतीकरण के बाद सभी प्रतिभागियों ने बारी-बारी से खुद में बदलाव को दर्ज करते हुए अपना-अपना अनुभव साझा किया। प्रतिभागियों ने अपने साझाकरण में इस बात को रेखांकित किया कि उन्हें अपने गांव-मुहल्ला तथा कॉलेज के क्षेत्रों में ऐसे सामाजिक विषयों पर लगातार नुक्कड़/एकांकी/प्रहसन के माध्यम से लोगों को जागरूक करते रहने की जरूरत है ।
चार समूह में चार चयनित थीम पर जेन्डर ,कास्ट और रिलीजन व सामाजिक बदलाव पर हुई नाट्य मंचन किये। दस दिन तक सात सत्र में सामाजिक बदलाव में यूवाओं की भूमिका व आगे की रणनीति पर चर्चा हुई।
समापन अवसर पर अज़ीम प्रेमजी फॉउण्डेशन के जिला प्रमुख गुलशन कुमार ने भूमिका व उद्देश्य को रखते कहा कि युवा सामाजिक बदलाव के केंद्र में बड़ी भूमिका निभाते है।इस उम्र में सही दिशा निर्देश न मिले तो आगे की राह में भटकाव होना संभव है। इसलिए सामाजिक बदलाव में युवाओं की भूमिका व थिएटर के विभिन्न आयामों की समझ बनाने के उद्देश्य से दस दिवसीय थिएटर वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
इस आयोजन में 40 युवा प्रतिदिन और 8 शिक्षक शाश्वत यूथ थिएटर ग्रुप के सदस्य दस दिन देर रात तक विविध बारीकियों से कराते रहे परिचित।
हम होंग कामयाब ,
दीवार,बुधिया,जागों नाटक की स्टोरी, आवाज,संवाद अभिनय और परिधान ने दर्शकों को बांधे रखा। बुधिया की किरदार ने खूब ताली बटोरी। जागो नुक्कड़ नाटक ने अपने टाइमिंग व आवाज के दम पर शुरु दिन से बेहतर होती गई और मंच लूटने में कामयाब रही।
जेन्डर असमानता पर केंद्रित महिलाओ के।साथ होने वाली बारीक से बारीक कड़ी को पिरोता और दर्शकों के आँख में आंसू बहाने वाली किरदार में न्याय करते दिखे।
दीवार की कहानी, संस्पेश और विकास में होने वाली बाधा व ग्राम पंचायतों पर आज भी कुलीन वर्गों की एकाधिकार किस तरह हावी है दिखाने में सफल रहे।
छेदी लाल सरपंच जब ग्रमीणों के हक के लिए लड़ते दिखते है तब दर्शक की ताली बहुत कुछ कह देता है।
हालांकि सभी मेंटर ने अपना शतप्रतिशत दिए थे
युवा अपने किरदार में इस तरह डूबे कि देर रात तक सफलता को सेलिब्रेट करते रहे।
प्रतिदिन सात सत्रों में नाटक के विविध आयामों को बहुत बारीकी से समझते हुए कड़ी अभ्यास के बाद उस दिन प्रस्तुत कर फीडबैक लेना और उस दिशा में काम करने के बाद 18 मई को समापन में विशाल मंच से खचाखच भरे दर्शक दीर्घा ने सबके अभिनय का स्वागत किया ।अज़ीम प्रेमजी स्कूल के टीचर ने कहा चारों नाटक हमे कक्षा में काम करने के लिए प्रेरित किया है। बहुत अच्छा प्रयास था।
पालकों ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि हम दस दिन बच्चों को यहां भेजकर बहुत अच्छा निर्णय लिए थे। एक दिन ये बहुत अच्छा अभिनय करेंगे।
चार समूह के एक एक लीडर मोजेश कुमार,वैष्णवी,प्रियांसी और किरण ने सबको अपना दस दिन के अनुभव को साझा किये। बैक ग्राउंड म्यूज़िक आशीष व खिलेन्द्र ने दी। समस्त निःशुल्क व्यवस्था अज़ीम प्रेमजी फॉउण्डेशन द्वारा किया गया था।
मंच संचालन गौतम सर व आकाश सर और नरेन्द्र ने किया ।सुनील व सोहन सर ने सबका धन्यवाद किया और समापन की घोषणा किया गया।
अंत मे सबने मिलकर फीडबैक मीटिंग आयोजित किया।
यह जानकारी शाश्वत उत्सर्ग यूथ थिएटर ग्रुप के – आकाश गिरी ने दी है।