छत्तीसगढ़

केन्द्रीय टीम ने जिले में जल और पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों का किया निरीक्षण

पर्यावरण दिवस पर पूरे विश्व में चर्चा होने वाली बात यहां के गांव में प्रत्यक्ष दिख रहा

धमतरी (प्रखर) जिले में भूजल स्तर बढ़ाने, जल और पर्यावरण को संरक्षित करने कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी की पहल पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन्ही कार्यों का आज दो सदस्यीय केन्द्रीय टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। इस दौरान धमतरी शहर के सोरिद, अस्पताल, गंगरेल, श्यामतराई, परसतराई, गोजी, मेघा, कन्हारपुरी का अवलोकन किया। सोरिद नाला के निरीक्षण के दौरान बताया गया कि शहर के पानी को आसानी से निकालने और बरसाती पानी को संरक्षित करने नगरनिगम की टीम द्वारा लगातार नालो और नालियों की सफाई की जा रही है। इसके लिए समिति भी बनाई गई, जो कि सभी को साथ लेकर कार्य कर रही है। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी, सीईओ जिला पंचायत सुश्री रोमा श्रीवास्तव सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
इसके साथ ही जलशक्ति केन्द्र का निरीक्षण कर विभिन्न नक्शों के आधार पर जिले में जल सर्वेक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी ली। केन्द्र के कार्यों की जानकारी देने जियोलॉजिकल, डेप्थ ऑफ वाटर लेबल कॉल सेंटर का अवलोकन टीम द्वारा किया गया। साथ ही यहां किए जाने वाले कार्यों की जानकारी ली गई। इस दौरान पीकू एनीमेटेड वीडियो के माध्यम से संदेश दिए जाने की बात उन्हें बताई गई।
इस दौरान गंगरेल परिसर में आम, नीम सहित अन्य फलदार और छायादार पौधों का रोपण अधिलरियों द्वारा किया गया। गोजी में भी आम वृक्षारोपण का टीम द्वारा अवलोकन किया गया और इनका संरक्षण करने की बात कही।

परसतराई में केन्द्रीय टीम के अधिकारियों का हुआ आत्मीय स्वागतकेन्द्रीय टीम के सदस्य श्री एस.एम.राव चलकापुरे तथा श्री बिमल कुमार का आज ग्राम परसतराई पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया। इस दौरान गांव के पुराने बरगद के पेड़ पर रक्षा सूत्र बांधा गया है। सरपंच श्री परमानंद आडिल ने बताया कि गांव की बालिकाओं के नाम पर पौधरोपण किया जाएगा। टीम ने जल बहिनी से परिचय प्राप्त किया और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की बारिकी से जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा गांव से शादी होकर जाने और शादी कर गांव में आने वाली बेटियों को उपहार स्वरूप पौधा दिए जाने की जानकारी दी। इस अवसर पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई। सरपंच ने यह भी बताया कि हमारा गांव अकालग्रस्त गांव था। धीरे-धीरे कुएं, नलकूप, जलस्त्रोत सूख गए, जिससे खेती किसानी सहित पानी की दिक्कत होने लगी। इन परिस्थितियों को देखते हुए ग्रामीणों ने स्वप्रेरणा से जल और पर्यावरण संरक्षित करने के साथ ही फसल चक्र परिवर्तन का फैसला लिया और सभी एकमत होकर कम पानी वाले फसलों को लेने लगे। इसके साथ ही टीम ने गांव में जिनकी प्रेरणा से जल संरक्षित करने के लिए कार्य किए गए उनसे चर्चा की। इस मौके पर डायरेक्टर श्री राव ने कहा कि गांव में आकर उन्हें काफी खुशी हुई। उन्होंने कहा कि पर्यावरण दिवस 5 जून को आयोजित किया जाता है। इस दिन पूरे विश्व में जिस बात पर चर्चा होती है, उसे हम इस गांव में प्रत्यक्ष रूप से देख रहे हैं। जिले में जल संरक्षण के लिए जो पहल शुरू की गई है, उसे सुनकर हम यहां देखने आए हैं। आपकी यह पहल पूरे देश में मॉडल के तौर पर विकसित हो रहा है। आपके द्वारा जल संरक्षण के लिए कार्य किए जा रहे हैं, वह अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्पद हैं। इस मौके पर ग्राम पंचायत में बने सोख्ता गड्ढा दिखाया गया और जल संरक्षण की शपथ ली गई। शपथ में कहा गया कि हम पानी बचाने और उसके सही इस्तेमाल, पानी की हर बूंद का ख्याल रखेंगे, ’’कैच द रेन’’ अभियान को बढ़ावा देंगे, पानी को अनमोल संपदा मानेंगे और इसका सही इस्तेमाल करेंगे., हम अपने परिवार, पड़ोसियों और अधिकारियों को भी पानी का सही इस्तेमाल करने और उसे बर्बाद न करने के लिए प्रेरित करेंगे, यह ग्रह हमारा है और हम ही इसे बचा सकते हैं और अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।

Author Desk

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