यशवंत राव मेघा वाले शासकीय महाविद्यालय मगरलोड अहिल्यादेवी होलकर जन्म त्रिशताब्दी जयंती के अवसर पर व्याख्यान का आयोजन


धमतरी (प्रखर) यशवंत राव मेघा वाले शासकीय महाविद्यालय मगरलोड जिला धमतरी छत्तीसगढ़ 1 जून 2024 से 31 मई 2025 को श्लोक लोक माता अहिल्या देवी जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के रूप में मना रहे हैं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर प्रभा वेरुलकर के निर्देशन में दिनांक 6 /12/2024 को लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष की अवसर पर व्याख्यान आयोजित किया गया कार्यक्रम प्रभारी डॉक्टर यशोदा साहू ने बताया कि अहिल्याबाई का जन्म 31मई 1725 में हुआ 1754 ई से 1795 ई अर्थात मृत्यु पर्यंत महारानी अहिल्याबाई ने बड़ी कुशलता से मालवा राज्य की बागडोर संभाली अहिल्यादेवी होलकर की गणना आदर्श शासको में की जाती है अपनी उदारता और प्रजा वत्सलता के कारण वे माता और देवी के नाम से विभूषित हुई पुण्य श्लोक लोक माता अहिल्यादेवी होलकर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता श्रीमती कीर्ति लता साहू शिक्षिका शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मेघा मगरलोड जिला उपाध्यक्ष पुण्य श्लोक लोक माता अहिल्यादेवी होलकर त्रिशताब्दी जयंती समिति जिला धमतरी छत्तीसगढ़ विशिष्ट अतिथि श्री धनेश्वर निर्मलकर जिला कार्यवाहक जिला धमतरी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ धमतरी श्री तामेश्वर ठाकुर बीआरसीसी शिक्षा विभाग मगरलोड श्री मैंनसिंह हिरवानी सदस्य व्यापारी संघ मगरलोड सदस्य पुण्य श्लोक लोक माता अहिल्यादेवी होलकर समिति थे कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर प्रभा वेरुलकर ने की उद्बोधन में डॉक्टर प्राचार्य डॉक्टर प्रभा वेरुलकर ने उनके योगदान को स्मरण करते हुए बताया कि वे अपनी कुशलता उदारता के कारण प्रसिद्ध है मानवता के लिए उन्होंने कार्य किया है कार्यक्रम प्रभारी डॉक्टर यशोदा साहू सहायक प्राध्यापक इतिहास के द्वारा बताया गया कि अहिल्यादेवी होल्कर ने अनेक मंदिर घाट कुआ बावड़ी मार्ग बनवाया सदैव न्याय करने का प्रयत्न किया लोकमाता अहिल्यादेवी की बुद्धिमत्ता त्याग पराक्रम और देश तथा समाज के लिए किए गए कार्यों को समाज को स्मरण करते रहना चाहिए एक दिवसीय आयोजित व्याख्यान में डॉक्टर घनश्याम देवांगन श्री कौशलेश कुमार ध्रुव डॉक्टर राम चंद्राकार निरूपा साहू सुषमा मैडम एवं महाविद्यालय के समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित थे संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर यशोदा साहू सहायक प्राध्यापक इतिहास के द्वारा किया गया l