तनावपूर्ण हैं भारत-बांग्लादेश संबंध : हिंदुओं पर हमलों के बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री पहुंचे बांग्लादेश

तनावपूर्ण हैं भारत-बांग्लादेश संबंध : हिंदुओं पर हमलों के बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री पहुंचे बांग्लादेश
ढाका। विदेश सचिव विक्रम मिसरी सोमवार को एक दिवसीय यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे हैं। अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के अपदस्थ होने के बाद भारत की ओर से यह पहला उच्चस्तरीय दौरा है। मिसरी की यह यात्रा हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर नई दिल्ली और ढाका के बीच संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच हो रही है।
मिसरी अपने बांग्लादेशी समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन के साथ व्यापक वार्ता कर सकते हैं। उनका बांग्लादेश के कार्यवाहक विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन से भी मुलाकात करने का कार्यक्रम है। माना जा रहा है कि वह हिंदुओं पर हमलों को लेकर भारत की चिंताओं को ढाका के समक्ष उठाएंगे। इसी साल अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चलते हसीना को देश छोडऩे के लिए मजबूर होना पड़ा था, जिसके बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों तनाव में आ गया। हसीना के भारत में शरण लेने के कुछ दिनों बाद ही यूनुस ने अंतरिम सरकार की बागडोर संभाली थी।
तनावपूर्ण हैं भारत-बांग्लादेश संबंध
हालिया हफ्तों में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों और हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद दोनों देशों के संबंध और भी तनावपूर्ण हो गए। पिछले कुछ हफ्तों में पड़ोसी देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के साथ-साथ मंदिरों पर हमलों की घटनाएं हुई हैं, जिसे लेकर भारत ने गहरी चिंता जताई गई है।
इस्कॉन ने चिन्मय कृष्ण दास की सुरक्षा को लेकर जताई चिंता
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष ने हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज होने और हिंसक हमलों के बाद उनकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की है। बांग्लादेश में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की सरकार गिरने के बाद और अगस्त में अंतरिम सरकार द्वारा देश की बागडोर संभालने के बाद से पड़ोसी देश के विभिन्न स्थानों पर इस्कॉन की संपत्तियों पर हमले किए गए हैं। दास ने दावा किया कि पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं और इस्कॉन द्वारा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को इन घटनाओं की सूचना दिए जाने के बावजूद पुलिस और प्रशासन ने इन्हें रोकने के लिए कोई खास कदम नहीं उठाए हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था, ‘‘इस्कॉन इंडिया ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के बारे में चिंता जाहिर की है और पड़ोसी देश के संतों एवं अनुयायियों से आग्रह किया है कि वो माथे पर तिलक ना लगाएं तथा बच-बचकर अपने धर्म का पालन करें। अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले जारी हैं।’’