संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बरकरार

संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बरकरार
नई दिल्ली। संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बरकरार है। लोकसभा में पहले अदाणी, संभल जैसे मुद्दे और फिर भाजपा के राहुल गांधी पर गंभीर आरोपों को लेकर हंगामा हुआ। ऐसे ही राज्यसभा की कार्यवाही नोटों की गड्डी मिलने को लेकर हंगामेदार रही। आज भी दोनों सदनों में हंगामे के आसार हैं।
जॉर्ज सोरेस और सोनिया गांधी के बीच कथित सांठगांठ के आरोपों पर भाजपा की ओर से चर्चा की मांग के बाद विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद हंगामे के कारण सोमवार को सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। अदाणी समूह से जुड़े मामले और कुछ अन्य विषयों को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सोमवार को सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमने भारतीय संविधान को अपनाने की एक सदी की चौथी तिमाही में प्रवेश करके अपना वर्तमान सत्र शुरू किया। पूरे सप्ताह सदन में कामकाज नहीं हो सका। किसी को भी सदन को ठप नहीं करना चाहिए।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, देश को कांग्रेस, विपक्षी दलों और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के बीच संबंधों के बारे में जानने का अधिकार है। इस मुद्दे को सदन में उठाना सांसद का अधिकार है। लेकिन विपक्ष मेरी आवाज और उनके (विपक्ष) अंतरराष्ट्रीय संबंधों को दबाने की कोशिश कर रहा है। सोरोस जैसे लोग जो देश को बांटना चाहते हैं और खालिस्तान का समर्थन करते हैं। कांग्रेस पार्टी फंस गई है।
हर मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए : किरेन रिजिजू
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मुझे लगता है कि देश के सामने कुछ मुद्दे हैं, जिन्हें राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। जॉर्ज सोरोस और उनके संबंध जो सामने आए हैं, हम इसे कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी से संबंधित मुद्दे के रूप में नहीं देखते हैं। हमें इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए खासकर अगर यह भारत विरोधी ताकतों से संबंधित है। हम इसे पार्टी की राजनीति के रूप में नहीं देखते हैं। हमने कांग्रेस और अन्य दलों से कहा है कि हम 13 और 14 दिसंबर (लोकसभा में) और 16 और 17 दिसंबर (राज्यसभा में) को संविधान पर चर्चा करेंगे। मैं कांग्रेस पार्टी के नेताओं और उसके कार्यकर्ताओं से अपील करना चाहता हूं कि अगर उनके नेताओं के भी भारत विरोधी ताकतों से संबंध पाए जाते हैं, तो उन्हें भी अपनी आवाज उठानी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की टिप्पणी पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, “जब सरकार और उसका शीर्ष नेतृत्व साजिश के सिद्धांतों पर गौर करना शुरू करता है, तो इसका मतलब है कि कुछ ऐसा है जिसे वे छिपाना चाहते हैं। आप सरकार में हैं, चीजों की जांच करवाएं।