सत्संग जीवन की मूल आवश्यकता- उमेश साहू
कलयुग में प्रत्येक मनुष्य के जीवन का मूल सत्संग अवश्य होनी चाहिए– उमेश साहू

धमतरी (प्रखर) उमेश साहू पूर्व सांसद प्रतिनिधि भाजपा नेता ने यह बात कही ग्राम परेवाडीह के श्री राम कथा महोत्सव में की इस कलयुग में प्रत्येक मनुष्य के जीवन का मूल सत्संग अवश्य होनी चाहिए क्योंकि संसार के भीतर के सभी मनुष्य चाहे वह अमीर हो या गरीब हो सुखी हो या दुखी हो सब की मृत्यु निश्चित है यह एक कटु सत्य है। ठीक इसी प्रकार हर मनुष्य के जीवन में सत्संग हो यह भी एक कटु सत्य है क्योंकि जब हम सुखी रहते हैं उस समय हमारे अंदर अहंकार का भाव ना आए जिसके कारण हमारा जीवन विनाश के रास्ते पर जाता है उससे हम बच सकते हैं।और जब हम दुखी रहते हैं उस समय उस दुख के समय को सहने के लिए साहस और धैर्य जैसे शक्ति हमारे अंदर सत्संग से ही आता है।और इस तरीके से हम सुख और दुख दोनों परिस्थितियों में सुख का ही अनुभव करते हुए ईश्वर के सानिध्य में रहते हैं। और जब हम ईश्वर की शरणागति में रहते हैं उस समय हमको अपने आप के साथ अपने परिवार अपने गांव अपने राज्य अपने देश और समस्त विश्व के सुख समृद्धि शांति का विषय हमारे मन में आता है और हम एक मर्यादित जीवन जीते हुए राष्ट्र की सेवा करते हुए सब के सुख की कल्पना करते हुए हम जीवन निर्वाह करते हैं।
इस कार्यक्रम में सरपंच तिलेश्वरी देवेंद्र साहू ,पीलू राम निर्मलकर, हरीश रोहित मेश्राम, होलाराम साहू ,नीलम कुमार जी, नारद साहू और अनेक अतिथि मंचस्थ रहे।