छत्तीसगढ़ विधानसभा : भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी पर प्रश्न पूछे जाने के आधे घंटे पहले मिला जवाब, नेता प्रतिपक्ष महंत ने जताई आपत्ति

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने बताया खेदजनक
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन की कार्यवाही आज बुधवार को शुरू हुई। आज सदन में बजट पर सामान्य चर्चा के साथ विभिन्न विभागों से जुड़े सवालों के जवाब सम्बंधित मंत्रियों ने दिए। आज सदन में भारतमाला प्रोजेक्ट का मुद्दा गूंजा। प्रश्नकर्ता नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने अध्यक्ष के निर्देश के बावजूद प्रश्न का उत्तर आधे घंटे पहले मिलने पर आपत्ति जताई। मुद्दे पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने नेता प्रतिपक्ष का साथ दिया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने व्यवस्था पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि मुझे प्रश्न का उत्तर अभी आधे घंटे पहले मिला, इसे इतनी देर में पढ़ा भी नहीं जा सकता, जबकि पिछले हफ्ते का प्रश्न था, जिसे आज के लिए लेना तय किया गया है। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने भी इसे व्यवस्था का प्रश्न बताते हुए नेता प्रतिपक्ष का साथ दिया।
मामले में आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। संसदीय कार्य मंत्री को निर्देशित करता हूँ कि सभी अधिकारियों को निर्देशित करें कि सर्वोच्च प्राथमिकता पर रख कर उत्तर मुहैया कराया जाए। इसके साथ ही इसे अगले हफ़्ते के पहले प्रश्न के तौर पर लिए जाएगा।
बता दें कि नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि उन्हें आज सुबह 10.30 बजे जवाब दिया गया। इस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि
यह परंपरा उचित नहीं, इसलिए व्यवस्था आनी चाहिए। वहीँ प्रश्नकाल के पहले जवाब मिलने पर आसंदी ने नाराजगी जताई।
भारतमाला प्रोजेक्ट में जमीन के मामले में अब विधानसभा में अगले सप्ताह चर्चा होगी। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने जवाब न मिलने पर खेद जताया। उन्होंने अगले सप्ताह इस विषय पर चर्चा की व्यवस्था दी।
केज कल्चर के लिए अनुदान में अनियमितता का मामला
कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने केज कल्चर के लिए अनुदान में अनियमितता का मामला उठाया। इस पर मुख्यमंत्री के स्थान पर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब दिया। उन्होंने कहा 19 लाख रुपए के गबन पर जांच की जा रही है। मंत्री ने कहा शिकायत के 3 दिन बाद जांच शुरू की गई। इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी जांच पर आपत्ति जताई। विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि दोषी व्यक्ति को रिटायर होने का मौका दिया गया। विधायक धर्मजीत सिंह ने भी दोषी पर कार्रवाई नहीं होने पर सवाल उठाए।
कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि दोषी अधिकारी ने पत्नी के नाम पर लाभ लिया। 19 लाख रुपए पत्नी के नाम से गबन किया गया। इस पर मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने जांच की घोषणा की। मंत्री ने कहा अगर जांच में सिद्ध होगा तो वसूली करेंगे। दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई को लेकर तीखी बहस हुई। विपक्षी सदस्यों ने दोषी को बचाने का आरोप लगाया। सदन में कार्रवाई को लेकर दोनों पक्षों में तीखी बहस हुई। तब मंत्री ने विस्तृत जांच और कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
अमलीडीह में शासकीय भूमि आवंटन पर शिकायत
प्रश्नकाल में धरमलाल कौशिक ने अमलीडीह में शासकीय भूमि आवंटन का मुद्दा उठाया। उन्होंने 56 करोड़ की जगह 9 करोड़ में भूमि देने पर सवाल उठाये। इस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने जमीन आवंटन से इंकार किया। मंत्री ने कहा कि जमीन अब भी शासन के नाम पर दर्ज है। जमीन आवंटन को लेकर मंत्री टंकराम वर्मा सदन में घिर गए। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने लिखित और मौखिक जवाब में अंतर पर सवाल उठाये। उन्होंने 56 करोड़ की जमीन 9 करोड़ में देने पर आपत्ति जताई।
जवाब में मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि नियमों के तहत आवंटन हुआ है। धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री सदन में गलत जानकारी दे रहे हैं। दोषी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि जमीन शासन के नाम पर दर्ज है किसी भी बिल्डर को जमीन आवंटित नहीं की गई है।
सर्पदंश से मृत्य के बाद मुआवजे की जांच होगी
सदन में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने घोषणा की कि सर्पदंश से मृत्य के बाद मुआवजे की जांच होगी।जिस पर मंत्री ने कहा कि बिलासपुर, जशपुर में सर्पदंश से मौत के बाद मुआवजे की जांच होगी। भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने मामले में सवाल उठाये। कहा गया कि सर्पलोक जशपुर में सर्पदंश से मात्र 96 लोगों की मौत हुई। बिलासपुर में सर्पदंश से 431 लोगों की मौत हुई। सर्पदंश मृत्यु मुआवजा में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ।