लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा बिल नहीं लाते तो संसद भी वक्फ की संपत्ति होती

लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा बिल नहीं लाते तो संसद भी वक्फ की संपत्ति होती
नई दिल्ली। लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश कर दिया गया है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया। इस बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय रखा गया है लेकिन सरकार ने कहा है कि अगर सदन की सहमति होगी तो चर्चा का वक्त बढ़ाया भी जा सकता है। सरकार की तरफ से आज ही चर्चा का जवाब भी दिया जाएगा। इससे पहले सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी कर आज सदन में मौजूद रहने को कहा था। इसी तरह से टीडीपी, जेडीयू, आरएलडी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर दिया है। उधर वक्फ बिल का विरोध करने के लिए विपक्ष भी लामबंद है। स्पीकर ओम बिरला ने बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय तय किया है। अगर जरूरी हुआ तो लोकसभा स्पीकर इसे बढ़ा भी सकते हैं। सरकार की कोशिश आज ही बिल को लोकसभा से पास कराने की है जिसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
विरोध करनेवालों के हृदय में होगा बदलाव : रिजिजू
रिजिजू ने कहा कि विरोध करनेवालों के हृदय में बदलाव होगा। उम्मीद है विपक्ष भी समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि यह बिल कोई नया विषय नहीं है। यह अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है। किरेन रिजिजू ने कहा कि संसदीय इतिहास में इतनी चर्चा किसी बिल को लेकर नहीं हुई जितनी वक्फ संशोधन बिल को लेकर हुई। उन्होंने कहा कि ज्वाइंट कमेटी में शामिल सभी सदस्यों को धन्यवाद देना चाहता हूं। 97 लाख से ज्यादा सुझाव आए हैं। कभी भी किसी बिल पर इससे ज्यादा सुझाव नहीं आए थे। किरेन रिजिजू ने कहा-‘हम पुराने बिल को सुधार करके ला रहे हैं तो विपक्ष को आपत्ति हो रही है। आप खुले मन से इस पर सोचिए। जिन चीजों का इस बिल से कोई लेना-देना नहीं है, उन बातों को उठाकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।’ रिजिजू ने अपने भाषण के दौरान कुछ पुराने दस्तावेजों का उल्लेख करते हुए कहा कि संसद की बिल्डिंग पर भी वक्फ ने क्लेम किया। इस पर विपक्ष की तरफ से आपत्ति जताई गई। रिजिजू ने कहा कि मैं दस्तावेजों के आधार पर कह रहा हूं। रिजिजू ने कहा कि अगर यूपीए की सरकार कंटीन्यू रहती तो ये लोग न जाने कितनी संपत्तियां वक्फ को दे देते।
किरेन रिजिजू ने अपने भाषण के दौरान कुछ पुराने दस्तावेजों का उल्लेख करते हुए कहा कि संसद की बिल्डिंग पर भी वक्फ ने क्लेम किया। किरेन रिजिजू ने कहा कि हम संशोधन नहीं लाते तो जिस जगह हम बैठे हैं, वह भी वक्फ की संपत्ति होती. यूपीए की सरकार होती तो पता नहीं कितनी संपत्तियां डिनोटिफाई होतीं। इस पर विपक्ष की तरफ से आपत्ति जताई गई। रिजिजू ने कहा कि मैं दस्तावेजों के आधार पर कह रहा हूं। यूपीए के वक्त 123 संपत्तियां वक्फ को दी गईं। किरेन रिजिजू ने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी भारत में है फिर भी हमारा मुसलमान गरीब क्यों है? क्यों मुसलमान शिक्षा से वंचित है, क्यों उनके पास रोजगार नहीं है? धर्म जाति से बाहर उतरकर के दिल से सोचिए। सदियों तक देश याद रखेगा कि कौन लोग इस बिल का समर्थन कर रहे थे और कौन लोग विरोध में खड़े थे। गरीब मुसलमानों के लिए वक्फ में संशोधन करना पड़ेगा।
किसको कितना समय मिला?
एनडीए को 4 घंटे 40 मिनट दिए गए हैं।
बाकी 3 घंटे 20 मिनट का वक्त विपक्ष को मिला है।
हालांकि विपक्ष ने चर्चा के लिए 12 घंटे का वक्त मांगा है। इसपर रिजिजू का कहना है कि चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है।
जेडीयू और टीडीपी कर रही है बिल का सपोर्ट
इस बीच चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी यानि टीडीपी और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड ने बिल को समर्थन देने की घोषणा की है। दोनों पार्टियों ने अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप भी जारी किया है।
बिल का पुरजोर विरोध करेगी कांग्रेस : राहुल गांधी
बिल पेश होने से पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस सांसदों के साथ बैठक की और बिल का पुरजोर विरोध करने की बात कही है। राहुल गांधी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आज सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद भवन एनेक्सी में कांग्रेस संसदीय दल के सभी लोकसभा सांसदों के साथ बैठक की। इस दौरान वक़्फ़ बिल पर कांग्रेस पार्टी के पक्ष को मजबूती से रखने को लेकर चर्चा हुई। आपको बता दें कि लोकसभा में नंबर गेम सरकार के पक्ष में है। ऐसे में माना जा रहा है कि बिल आसानी से लोकसभा में पास हो जाएगा। वक्फ बिल के समर्थन में 293 सांसद हैं जबकि विरोध में सिर्फ 239 सांसद हैं जो जरूरी आंकड़े से 33 कम हैं।
वक्फ बिल के खिलाफ देशभर में आंदोलन करेगी ओवैसी की पार्टी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने साफ तौर पर धमकी दी है कि अगर वक्फ बिल लाया गया तो उसके खिलाफ वह देशव्यापी आंदोलन करेगी।
विधेयक के मुखर विरोधी एआईएमआईएम सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा कि वह सदन में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान बताएंगे कि यह किस तरह ‘असंवैधानिक’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों पर नियंत्रण के मकसद से लाया गया है और जनता तेदेपा और जद(यू) जैसे भाजपा के सहयोगी दलों को सबक सिखाएगी। पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष डॉ. शोएब जामई ने सोशल मीडिया पर लिखा- अगर वक़्फ़ बिल जबरन मुसलमानों पर थोपने की कोशिश की गई तो देशव्यापी आंदोलन होगा और इसकी शुरुआत दिल्ली से करेंगे। पिछली बार आंदोलन जहां से खत्म हुआ था शुरूआत वहीं से होगी”. हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे और संविधान में अल्पसंख्यको को दिए गए अधिकार पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे।