छत्तीसगढ़

कर्नाटक में हिन्दू एक्टिविस्ट सुहास शेट्टी की बेरहमी से हत्या, पुलिस ने हमलावरों की पहचान की, 6 मई तक निषेधाज्ञा लागू

कर्नाटक में हिन्दू एक्टिविस्ट सुहास शेट्टी की बेरहमी से हत्या, पुलिस ने हमलावरों की पहचान की, 6 मई तक निषेधाज्ञा लागू

मंगलुरु। दक्षिण कन्नडा जिले के मंगलुरु शहर में गुरुवार शाम को एक हिन्दू एक्टिविस्ट का मर्डर कर दिया गया। पुलिस ने मृतक की पहचान सुहास शेट्टी के रूप में की है। सुहास फाजिल हत्याकांड का मुख्य आरोपी था और उस पर अपराध के कई दूसरे मामले भी चल रहे थे। फाजिल हिन्दू कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टारु की हत्या में मुख्य आरोपी था। प्रवीण की बर्बर हत्या के बाद 28 जुलाई 2022 को सूरतकल में फाजिल की हत्या कर दी गई थी और इस केस में सुहास शेट्टी मुख्य आरोपी था।

कैसे हुई हत्या?
पुलिस की जानकारी के मुताबिक गुरुवार शाम लगभग 8:27 बजे, मंगलुरु सिटी पुलिस के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत किन्नीपदावु क्रॉस के पास हमला और हत्या की घटना की सूचना मिली। उस समय सुहाष शेट्टी, संजय, प्रज्वल, अन्वित, लतीश और शशांक के साथ वाहन (केए-12-एमबी-3731) में यात्रा कर रहा था, इस वाहन को स्विफ्ट कार और पिकअप वाहन में यात्रा कर रहे हमलावरों के एक समूह ने रोक लिया। 5 से 6 की संख्या में आए हमलावरों ने सुहाष शेट्टी पर घातक हथियारों से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया उन्हें तुरंत ए.जे. अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई।

पुलिस ने हमलावरों की पहचान की
पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है और आरोपियों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए कई टीमें गठित की गई हैं। मंगलुरु सिटी पुलिस ने कहा है कि त्वरित न्याय सुनिश्चित करने और कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर सम्भव कार्यवाही की जाएगी और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, इस मामले में आगे की जानकारी साझा की जाएगी। पुलिस ने हमलावरों की पहचान का दावा किया और कहा है कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी होगी।

6 मई तक मंगलुरु में निषेधाज्ञा लागू
मंगलुरु सुहास शेट्टी मर्डर केस को लेकर 6 मई तक मंगलुरु में निषेधाज्ञा लगा दी गई है। सुहास का आज अंतिम संस्कार होगा जिसे लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। आस पास के 5 जिलों के एसपी की स्पेशल पोस्टिंग की गई है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। केएसआरपी की 52 टुकड़ियों के साथ साथ 1000 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। सुहास की अंतिम यात्रा पर जुलूस निकालने की अनुमति नहीं मिली है, लेकिन कुछ हिन्दू संगठन इसकी मांग कर रहे हैं।

 

Author Desk

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