छत्तीसगढ़

शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू एसीबी की 30 से अधिक ठिकानो पर दबिश, दुर्ग भिलाई धमतरी महासमुंद में चल रही जांच

शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू एसीबी की 30 से अधिक ठिकानो पर दबिश, दुर्ग भिलाई धमतरी महासमुंद में चल रही जांच

रायपुर। आबकारी घोटाला मामले में जेल में बंद मंत्री कवासी लखमा के करीबियों पर ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की है। प्रदेश के 20 से अधिक स्थानों पर दबिश दी गई है। दुर्ग, भिलाई, महासमुंद, धमतरी और रायपुर के कई ठिकानों पर कार्रवाई जारी है। सबसे बड़ी कार्रवाई दुर्ग में चल रही है। दुर्ग में आम्रपाली सोसाइटी स्थित अशोक अग्रवाल और भाई विनय अग्रवाल के निवास, जो स्टील इंडस्ट्री से भी जुड़े हुए हैं, उनके यहां कार्रवाई चल रही है। अशोक अग्रवाल के भाई विनय अग्रवाल के घर भी छापा पड़ा है। इसके साथ ही दुर्ग जिले के दो अन्य करीबियों के निवास पर भी कार्रवाई जारी है।

अशोक अग्रवाल के निवास पर एसीबी के 9 अधिकारी मौजूद हैं। बैंक खातों के डिटेल्स की जांच की जा रही है। साथ ही स्टील कारोबार से जुड़े दस्तावेज भी टीम खंगाल रही है। एसीबी-ईओडब्लयू की छापेमार कार्रवाई में उद्योगपतियों और नामी हॉस्पिटल के डायरेक्टर भी शामिल हैं। नेहरू नगर स्थित स्पर्श हॉस्पिटल के डायरेक्टर संजय गोयल के निवास, उद्योगपति बंसी अग्रवाल और विशाल केजरीवाल के निवास पर भी छापा पड़ा है। वहीं शनिचरी बाजार में बिल्डर्स विश्वजीत गुप्ता के निवास पर भी रेड पड़ी है। अधिकारियों की टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है।

महासमुंद जिले के सांकरा में किराना व्यवसायी कैलाश अग्रवाल और बसना में एलआईसी एजेंट जय भगवान अग्रवाल के यहां ईओडब्लू की दबिश है। शराब घोटाला मामले में ईओडब्लू ने दोनों व्यवसायी के घर टीम पहुंची है। चार वाहनों में करीब 20 सदस्यीय टीम रिकॉर्ड खंगालने के लिए पहुंची है। जय भगवान अग्रवाल भिलाई के पप्पू बंसल के रिश्तेदार बताये जा रहे हैं। पप्पू बंसल के यहां शराब से जुड़े मामले में पहले भी छापा पड़ चुका है।

ईडी ने 3 हजार 841 पन्ने का चालान पेश किया
दो हजार करोड़ के शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 13 मार्च को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में 3 हजार 841 पन्नों का चालान दाखिल किया है। इसमें जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा सहित 21 लोगों को आरोपियों के नाम हैं। इन आरोपियों में रायपुर के पर्व मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलरी, वेलकम डिस्टलरी, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवेरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया सहित अन्य 21 लोगों के नाम शामिल हैं।

ईडी ने शराब घोटाले केस में 15 जनवरी को प्रदेश के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पूर्व उनसे दो बार ईडी ऑफिस में बुलाकर पूछताछ हुई थी। गिरफ्तारी के सात दिन बाद पहले आबकारी मंत्री लखमा को पहले ईडी ने सात दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। फिर 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड लिया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद 18 फरवरी तक लखमा की रिमांड बढ़ा दी थी। लखमा के बेटे हरीश लखमा से भी ईडी ने पूछताछ की थी।

जनवरी 2024 में हुई थी एफआईआर
एसीबी और ईओडब्ल्यू ने ईडी के पत्र के आधार पर जनवरी 2024 में एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू के दर्ज एफआईआर में अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को शराब घोटाला का मास्टरमाइंड बताया गया है। एफआईआर में शामिल बाकी आईएएस और अन्य सरकारी ऑफिसर और लोग सहयोग किये थे। शराब घोटाला से होने वाली आमदनी का एक बड़ा हिस्सा इन्हीं तीनों को जाता था। टुटेजा आईएएस ऑफिसर हैं, जब घोटाला हुआ तब वे वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव थे। दूरसंचार सेवा से प्रतिनियुक्ति पर आए त्रिपाठी आबकारी विभाग के विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के एमडी थे। वहीं अनवर ढेबर रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई और शराब कारोबारी है।

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