छत्तीसगढ़

पर्यावरण संरक्षण को जन आंदोलन बनाना होगा – शशि पवार

प्रकृति की रक्षा मोदी सरकार की प्राथमिकता – नेहरू निषाद

वन्य जीवों को भी स्वच्छंद जीने का अधिकार – कविंद्र जैन

पर्यावरण दिवस पर जागरूकता  रैली, वृक्षारोपण एवं गोष्ठी का आयोजन



धमतरी (प्रखर) विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी कार्यकताओं ने हाथों में तख्तियां लेकर पर्यावरण रैली निकाली। रुद्री चौक से चिन्हारी रिसॉर्ट तक निकाली गयी इस पर्यावरण रैली में स्थानीय निवासी भी सम्मिलित हुए। पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश देते हुए आगे बढ़ी इस रैली के माध्यम से पर्यावरण को लेकर जनजागृति लाने का प्रयास किया गया। सभी ने चिन्हारी रिसॉर्ट पहुंच कर समीप में स्थित भूमि पर वृहत वृक्षारोपण किया। पर्यावरण संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया। संगोष्ठी में पर्यावरण के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए भाजपा नेता पूर्व जिलाध्यक्ष ठाकुर शशि पवार ने कहा कि आधुनिकतावाद के इस युग में मनुष्य जैसे जैसे सुविधाभोगी होता जा रहा है वैसे वैसे ही प्रकृति से दूर भी होता जा रहा है। भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन से धरती मां अंदर से खोखली हो चुकी है। जल स्तर सैकड़ों फीट नीचे उतर चुका है। महानदी के मुहाने पर बैठ कर भी हमारे यहां जलसंकट है। धमतरी के आसपास का पूरा इलाका कुछ दशक पहले घना जंगल हुआ करता था जो आज खाली मैदान में तब्दील हो चुका है। प्रकृति का क्षरण बहुत तेजी से हो रहा है। ऐसे समय में यदि पर्यावरण संरक्षण को जन आंदोलन नहीं बनाया गया तो आने वाली पीढ़ी का जीवन संकट में आ जायेगा। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरू निषाद ने कहा कि मोदी जी जब से देश के प्रधान सेवक बने हैं उन्होंने देश में सामाजिक क्रांति लाने का लगातार प्रयास किया है। चाहे स्वच्छता की बात हो, योग की बात हो, एक पेड़ मां के नाम अभियान हो, हर घर शौचालय और खुले में शौच मुक्त भारत की बात हो मोदी जी ने पर्यावरण को अपनी प्राथमिकता में रखा है। विकसित भारत का अमृत काल, सेवा सुशासन और गरीब कल्याण के 11 साल अभियान के जिला संयोजक कविंद्र जैन ने पर्यावरण को सिर्फ वृक्षारोपण और जल संरक्षण तक ही सीमित न रखते हुए व्यापक प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया। वन्य जीवों को भी स्वच्छंद जीवन जीने का अधिकार है। उनके हिस्से की जंगल, जमीन और जल स्त्रोत भी विकासवाद की भेंट चढ़ चुके हैं। प्रदूषण से पर्यावरण को बड़ा खतरा है। चाहे वह उद्योगों से उपजा प्रदूषण हो या भारी तादाद में उपयोग में आ रहे वाहनों का प्रदूषण हो। खेतों में रासायनिक खाद एवं उर्वरकों का उपयोग हो या खाद्य पदार्थों में मिलाए जा रहे प्रिजर्वेटिव से हो रही स्वास्थ्य की हानि हो सभी कारकों से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। नदी, तालाब और जल स्त्रोत सिमटते जा रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग से पूरा विश्व जल रहा है। मौसम का संतुलन बिगड़ जा रहा है। ये सभी भीषण त्रासदी के संकेत हैं। यदि समय रहते इन सब से प्रकृति को बचाया नहीं गया तो धरती पर जीवन का अस्तित्व समाप्त हो सकता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ बीथीका विश्वास ने किया तथा आभार प्रदर्शन अरविंदर मुंडी ने किया। उन्होंने पर्यावरण को लेकर कहा कि पर्यावरण  की आवश्यकता मानव के लिए है और उसको खतरा भी मानव से ही सबसे ज्यादा है। कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष श्रीमती श्यामा साहू, मोनिका देवांगन, विजय साहू, उमेश साहू, हेमंत माला, कैलाश सोनकर, सरपंच लक्ष्मी बया, नरेश साहू, जागेंद्र पिंकू साहू, मुकेश यादव, सुशांत कानपिल्लेवार, नम्रता माला पवार, आशा लोधी, शैलेश रजक, राजीव चंद्राकर, राम सोनी, नंदू लोधी, मनोज ठाकुर, विशाल त्रिवेदी, ईश्वरी नेताम, नीतू त्रिवेदी, सीमा चौबे, गायत्री सोनी, पवित्रा दीवान सहित बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी उपस्थित थे

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