छत्तीसगढ़

भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की जांच क्यों नहीं करती ईडी : धनंजय सिंह ठाकुर

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने छत्तीसगढ़ राइस मिलर एसोसिएशन द्वारा एफसीआई और मोदी सरकार के उपर लगाए गए करोड़ों की अवैध वसूली के आरोप पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि मैं खाऊंगा ना खाने दूंगा कहने वाले नरेन्द्र मोदी सरकार की यह असली हकीकत है। मोदी की सरकार में ऊपर से नीचे तक बेतहाशा वसूली और खाने, खिलाने का खेल चल रहा है। भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी गिरोह बनाकर प्रदेश के राइस मिलरों से प्रति 29 मिट्रिक चावल स्वीकृत करने के एवज में 7500 रुपये की अवैध वसूली कर रहे हैं और साथ ही एफसीआई के परिवहन बिल में एवरेज 3 प्रतिशत राशि, एफआरके निर्माताओ से 5 प्रतिशत व राईस मिलर के एफआरके के बिल को पास करने हेतु 2 प्रतिशत की अतिरिक्त अवैध वसूली की जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक यह वसूली की रकम छत्तीसगढ़ के 150 करोड़ से उपर की है। पूरे देश भर में वसूली का यह आंकड़ा हजारो करोड़ के ऊपर है। ईडी केन्द्र सरकार के इस भ्रष्टाचार की जांच का साहस क्यों नहीं दिखाती।
धंनजय सिंह ठाकुर ने कहा कि राइस मिलरों द्वारा वसूली का विरोध किए जाने पर भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी कह रहे हैं कि ऊपर तक पैसा देना पड़ता है। यह वसूली का पैसा कितने ऊपर तक जा रहा हैयह जांच का विषय है। प्रदेश के राइस मिलर खाद्य अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने और ईडी, सीबीआई से जांच करने की मांग भी कर रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा प्रदेश में भेजे गए ईडी के अधिकारी मोदी सरकार के खाद्य अधिकारियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की जांच क्यों नहीं करते ? इस प्रबंधित अवैध वसूली से समझ में आता है कि ना खाऊंगा ना खाने दूंगा वाली बात केवल भाषणों तक सीमित है और मोदी सरकार ने पूरे देश में अपने अधिकारियों को वसूली के लिए खुली छूट दे रखी है।

Author Desk

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